श्री तुलसी
श्री तुलसी
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तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी माना जाता है। तुलसी विटामिन, खनिज जैसे पौष्टिक गुणों से भरपूर है। यह हर आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद है। तुलसी संक्रमण को दूर रखने में काफी फायदेमंद है। यह एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी वायरल, एंटी एलर्जिक और एंटी डिजीज जैसे गुणों से भरपूर है। दुनिया में तुलसी की 60 से अधिक किस्में पाई जाती हैं। भारत में आमतौर पर पांच प्रकार की तुलसी का उपयोग किया जाता है, जिनके नाम हैं राम तुलसी, श्याम तुलसी, वन तुलसी, नींबू तुलसी और विष्णु तुलसी। श्री तुलसी भी इन्हीं पांच प्रकार के तुलसी के पौधों से प्राप्त अर्क है। तुलसी 200 रोगों जैसे फ्लू, डेंगू, बुखार, खांसी, जुकाम, जोड़ों का दर्द, रक्तचाप, मोटापा, एलर्जी, हेपेटाइटिस, मधुमेह, मूत्र रोग, वात, नकसीर, फेफड़ों में सूजन, अल्सर, तनाव, वीर्य की कमी, थकान, भूख न लगना, उल्टी आदि में फायदेमंद है। श्री तुलसी हृदय के लिए भी फायदेमंद है। इसके नियमित सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। यह दिल के दौरे और स्ट्रोक को भी रोकने में मदद करता है।
सामग्री : श्याम तुलसी, वन तुलसी, राम तुलसी, निम्बू तुलसी और श्वेत सुरसाविष्णु तुलसी।
उपयोग की विधि : एक गिलास पानी या चाय में श्री तुलसी की एक बूंद डालें। श्री तुलसी के साथ या सेवन के बाद दूध का सेवन न करें। इसे दिन में 4-5 बार लें या चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।
लाभ : यह खांसी, जुकाम, बुखार, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों के संक्रमण और पाचन संबंधी समस्याओं जैसी 200 से अधिक बीमारियों में लाभकारी है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है।
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